विशाल वाणी.....✍🏻
ग़ाज़ियाबाद :- नगर जोन के थाना कविनगर क्षेत्र में वार्ड नंबर 65 विवेकानन्द नगर के मकान संख्या 817 से 917 के बीच स्थित पार्क है,जहाँ पर पार्क में बैठने की व्यवस्था नहीं है।जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है। इस सम्बंध में कालोनी निवासी अनेको बार निगम में कंप्लेंट कर चुके हैं।परन्तु नगर निगम कुछ काम ही नही करना चाहती। 2025 के नवंबर माह में दोबारा कंप्लेंट करने के उपरांत भी नगर आयुक्त के द्वारा न इस ओर कोई ध्यान दिया जवरह है और न ही अभी तक कोई भी कार्रवाई करने को राजी है।
क्या नगर निगम ऐसा ही कार्य करती रहेगी? आम जनता को किस तरह की परेशानी हो रही है नगर निगम को कुछ दिखाई नहीं देता। बुजुर्ग एवम बच्चे परेशान होते हैं तो होने दो नगर निगम को कोई परवाह नहीं है। एक तरफ तो नगर निगम ने गाजियाबाद 311 मोबाइल एप्प बना रखी है और कहा जाता है कि इस ऐप्प पर अपनी समस्याएं बताइए नियमित समय के अंतर्गत समाधान किया जाएगा परन्तु ये कथन मात्र ही जान पड़ रहा है क्योंकि अभी तक बुजुर्गो एवम बच्चों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। आ जबकि सर्दियों का मौसम आ गया है,बुजुर्ग एव बच्चे हैं जो कि पार्क में बैठना चाहते हैं मगर बैठने के लिए मात्र गीली घाँस और नम जमीन के अलावा यहां कोई बैठने की उचित व्यवस्था न तो नगर निगम ने ही स्तानीय पार्षद के द्वारा कराई गई है।
जबकि इसी वार्ड के अन्य पार्को में खासी अच्छी व्यवस्था देखने को मिलती है ऐसा जान पड़ता है कि इस कालोनी के निवासियों से निगम अथवा पार्षद को खास बैर है जिसकी खुंदक इस प्रकार निभाई जा रही है। जिससे धूप का लाभ ले सकें। म्युनिसिपल कमिश्नर से उनके पी ए कविनगर जो कि नगर ज़ोन प्रभारी भी रह चुके हैं उनको भी स्थानीय निवासियों के द्वारा मौखिक रूप से स्थिति से अवगत कराया जा चुका है मगर कोई समाधान अभी तक नहीं निकला है। जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,और धूप तो बहुत दूर की बात है वार्ड नंबर 65 के 33 मकान के बीच में जो पार्क है उसमें पेड़ो की कटाई भी नाममात्र को करवा कर मात्र फ़ोटो खीचने की उद्देश्य से निजी द्वारा कराई गई है।
मगर ऊंचे की कटिंग नहीं की गई हमने इस बात को लेकर कविनगर के प्रभारी डॉक्टर अनुज से जब इस बाबत शिकायत की तब डॉक्टर अनुज ने गाड़ी वाले का नंबर उपलब्ध कर दिया जिसपर सोमवार मंगल बुधवार को तीन बार गाड़ी वाले को फोन एवम व्हाट्सएप मैसेज कर दिया गया है बावजूद इसके गाड़ी लाने का नाम ही नहीं है। क्या ग़ाज़ियाबाद में टोटल 100 वार्ड है और 100 वार्ड में 1 या 2 ही गाड़ी है जो पेड़ काटती हैं? बस 2 महीने की ठंड बची है और संवाददाता को कंप्लीट करे कितना टाइम हो गया है अभी तक कोई भी कार्य नहीं हुआ है। क्या नगर निगम ऐसे ही काम करता है? क्या बुजुर्ग एवम बच्चे इस कड़कड़ाती ठंड में धूप का लुत्फ उठा पायंगे अथवा नही ये स्थानीय पार्षद और निगम अधिकारियों पर निर्भर है।