इस्कॉन वेव सिटी द्वारा आयोजित ‘आनंद उत्सव’ में सैकड़ों युवाओं ने भक्ति और संस्कृति का लिया आनंद

विदेशी भक्तों के भजन-कीर्तन पर घंटों झूमते रहे श्रद्धालु

आनंद उत्सव के माध्यम से नशा-मुक्ति और युवा जागरण का संदेश भी दिया गया 



रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) वेव सिटी गाजियाबाद द्वारा 25 दिसंबर को ‘आनंद उत्सव वेव्स ऑफ जॉयः द हैप्पी लाइफ कॉन्सर्ट का भव्य आयोजन किया गया। आनंद उत्सव का आयोजन इस्कॉन वेव सिटी स्थित श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर परिसर में हुआ, जिसमें विभिन्न शहरों से सैकड़ों की संख्या में युवक-युवतियों समेत बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समारोह का शुभारंभ इस्कॉन वेव सिटी गाजियाबाद के अध्यक्ष तथा कुमाऊँ-उत्तराखंड जोनल सुपरवाइज़र आदि कर्ता प्रभु व बिहार-ईस्ट यूपी जोनल सुपरवाइज़र व यूथ फोरम डायरेक्टर सुंदर गोपाल प्रभु ने किया। समारोह का आकर्षण यूक्रेन एवं रूस से पधारे इस्कॉन के विदेशी भक्तों द्वारा प्रस्तुत मधुर भजन हरिनाम संकीर्तन एवं भावपूर्ण नृत्य रहा जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक आनंद से सराबोर कर दिया। बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी व भक्ति नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

  
सुंदर गोपाल प्रभु ने कहा कि इस्कॉन केवल भक्ति का प्रचार करने वाला संगठन नहीं है, बल्कि यह समाज सुधार और नशा-मुक्त भारत अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आज का युवा नशा, गलत संगति और दिशाहीन जीवनशैली के कारण भटक रहा है, ऐसे में इस्कॉन युवाओं को भक्ति के माध्यम से सही दिशा प्रदान कर रहा है। जब कोई व्यक्ति भक्ति के मार्ग पर चलता है, तो स्वतः ही नशा, अनैतिक आदतें और बुरी संगत छूट जाती हैं। इससे न केवल उसका जीवन सुखमय बनता है, बल्कि परिवार और समाज भी सुरक्षित होता है। नशे से दूरी बनाकर युवा लाखों-करोड़ों रुपये की बर्बादी से बच सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक एवं उद्देश्यपूर्ण बना सकते हैं। भक्ति व्यक्ति में सहनशीलता, सही निर्णय लेने की क्षमता और चरित्र निर्माण का विकास करती है।
आदि कर्ता प्रभु ने कहा कि आज के समय में युवाओं के मन में अनेक प्रकार के भ्रम और गलत विचार उत्पन्न हो रहे हैं। इस्कॉन का उद्देश्य है कि युवाओं को वैदिक संस्कृति, जैसे धोती-कुर्ता धारण करना, सात्त्विक जीवनशैली अपनाना और अपने कर्मों को भगवान को समर्पित करना सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि भक्ति और भौतिक जीवन के संतुलन से युवा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए बुरी लतों से दूर रह सकते हैं। रॉक कीर्तन फूलों की होली के बादं हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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