22 सितंबर से आरंभ हो रहे हैं शारदीय नवरात्र, हाथी पर सवार होकर आएगी भगवती मां


◼️23 सितंबर को दिन रात होंगे बराबर



रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद पं. शिवकुमार शर्मा के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से आरंभ हो रहे हैं। 22 सितंबर को दिन  सोमवार है ।सोमवार के दिन नवरात्रि आरंभ होती हैं तो माता भगवती हाथी पर सवार होकर आती हैं।
हाथी पर सवार होने का तात्पर्य है कि अगले 6 माह देश में खेती, फसलें पर्याप्त मात्रा में होगी ।किसानों को लाभ होगा और देश में धन-धान्य की वर्षा होगी।

सोमवार को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र होने से श्रीवत्स योग और शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग के कारण धन-धान्य  बढेगा। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जनता प्रसन्न रहेगी । सत्तारूढ़ दल का अपने देश और विश्व में प्रभाव बढ़ेगा। इस वर्ष नवरात्रों में तृतीया  तिथि बढ़ गई है। तृतीया तिथि 24 ,  25 सितंबर को  रहेगी। नवरात्रि में तिथि वृद्धि बहुत शुभ मानी गयी है। इसके अलावा आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक कई शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें  श्रीवत्स योग, ब्रह्म योग, शुभ योग ,स्थिर योग ,मातंग योग, अमृत सिद्धि योग, मित्र योग ,शोभन  योग आयुष्मान योग, प्रीति योग, शोभन योग, सौभाग्य योग इसके अलावा रवि योग तो छ: दिन बन रहा है। शारदीय नवरात्रि  शुभ कार्य  करने के लिए बहुत शुभ हैं। नवरात्रि के प्रथम दिवस सूर्योदय के समय कन्या लग्न की कुंडली में सूर्य, बुध, चंद्रमा का त्रियोग , बुधादित्य योग भी बहुत शुभ है।

घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
22 सितंबरको घट स्थापना( कलश स्थापना) के शुभ मुहूर्त  इस प्रकार हैं।
1.प्रातः काल सूर्योदय से अर्थात
 6: 13 बजे से 7:30 बजे तक कन्या लग्न। 
2.7:30 से 9:00 तक राहुकाल है, इसमें घटस्थापना नहीं करनी चाहिए। 
2.वृश्चिक लग्न (स्थिर लग्न)-9:00 बजे से 10:45 तक ।
3.अभिजीत मुहूर्त- 11:36 से12 :24 बजे तक .।
4.यदि उपरोक्त मुहूर्तों में घट स्थापना न हो सके तो 14: 29 से 15:57 बजे तक कुंभ लग्न (स्थिर लग्न)में घट स्थापना कर सकते हैं।
दुर्गा सप्तमी का व्रत 29 सितंबर को, 
दुर्गा अष्टमी का व्रत 30 सितंबर को होगा। महानवमी एवं नवरात्रि विसर्जन 1 अक्टूबर को होगा।
 1 अक्टूबर दुर्गा को मां का प्रस्थान दिन बुधवार होने से माता भगवती घोड़े पर सवार होकर जाएंगी। यह भी शुभ लक्षण है। इसके अनुसार समाज में एकता बढ़ेगी ।विद्वेष की भावना कम होगी। अराजकता  फैलाने वालों पर नकेल कसी  जाएगी।
2 अक्टूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा।

23 सितंबर को होंगे दिन रात बराबर
22 सितंबर को सायन गणना के अनुसार रात्रि 11:50 बजे सूर्य तुला राशि में आएंगे और शरद संपात् आरंभ हो जाएगा। 23 सितंबर को अर्थात अगले दिन, दिन रात बराबर होंगे। सूर्योदय 6:13 बजे होगा और सूर्यास्त 18:13 बजे होगा। अर्थात 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होगी।
23 सितंबर के बाद  रात्रि की अवधि बढ़ेगी और दिन की अवधि घटती चली जाएगी। अर्थात दिन छोटे होने लगेंगे और रात्रि बड़ी होती जाएगी। धीरे-धीरे मौसम में परिवर्तन आरंभ होगा। शरद ऋतु का आरंभ हो जाएगा।

पंडित शिवकुमार शर्मा,ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट, गाजियाबाद

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