रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- आर्य समाज राजनगर के 40 वां वार्षिक अधिवेशन समाप्त हो गया। अधिवेशन के अंतिम दिन राष्ट्र रक्षा सम्मेलन हुआ जिसमें आर्य जगत के आचार्यों व भजनोपदेशकों द्वारा यज्ञ कराया गया तथा प्रवचनों के माध्यम से आर्य समाज के संस्कारों को जीवन में उतारने का आहवान किया गया। भजन व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से सम्पन्न हुआ। वेद और व्याकरण विद्वान आचार्य उषर्बुध जयपुर के पुरोहितत्व में गुरुकुल सासनी की ब्रह्मचारिणियों ने सस्वर वेदपाठ किया। आचार्य उषर्बुध जी ने भारत में मतांतरण का उद्देश्य राष्ट्रांतरण है विषय पर अपने ओजस्वी विचार प्रस्तुत किए। भजनोपदेशक पं मोहित शास्त्री ने महर्षि दयानंद सरस्वती, ईश महिमा, राष्ट्र रक्षा तथा संस्कार संबंधित गीत व भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
डॉ आयूषि राणा भारती ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र हमें अपनी संस्कृति व धर्म के प्रचार प्रसार का अवसर देता है। अधिवेशन के अध्यक्ष श्रद्धानंद आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने देश के प्रति वास्तविक गौरव.बोध कराया। विशिष्ट अतिथि पार्षद प्रवीण चौधरी रहे। संचालन सत्यवीर चौधरी मंत्री आर्य समाजद्ध ने किया। प्रधान डॉ वीरेंद्र नाथ सरदाना ने सभी का धन्यवाद किया। ओमप्रकाश आर्य, डॉ अशोक रस्तोगी, सुधीर धमीजा, सुरेश गर्ग, मोतीलाल गर्ग, शंकर लाल शर्मा, सुभाष चन्द्र गुप्ता, कैप्टन ओमप्रकाश, दुर्गा प्रसाद शास्त्री, कौशल गुप्ता, वंदना अरोरा, शिल्पा गर्ग आदि का विशेष योगदान रहा।