◼️समुद्र पार करने से पहले की रामेश्वरम की स्थापना
◼️रावण के दरबार में दूत के रुप में पहुॅचें अंगद
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- श्री रामलीला समिति, राजनगर में चल रही रामलीला में विभीषण का अपने भाई रावण द्वारा अपमानित होने के बाद श्री राम की शरण में चले जाते हैं। हनुमान जी के द्वारा माता सीता की खबर प्राप्त होने के पश्चात् समुद्र पार करने से पूर्व रामेश्वरम की स्थापना, अंगद को दूत बना कर रावण के दरबार में लंका भेजने आदि प्रसंगों की प्रस्तुति की गई।
मंचन के दौरान राम का गुणगान करने पर रावण अपने विभीषण का अपमान करता है। भाई रावण से अपमानित होकर विभीषण राम की शरण में पहुंचते हैं। शरणागति के पश्चात श्री राम ने उन्हें लंका का राजा बना देते हैं । दूसरी ओर सीता माता की जानकारी मिलने पर राम के शिविर में इस बात पर मंथन चल रहा हैं कि समुद्र को कैसे पार किया जाए। तभी नल और नील दो भाइयों को बुलाकर समुद्र पर पुल बनाने की योजना बनाई जाती हैं।
श्री राम के द्वारा भगवान शिव की आराधना के बाद काम शुरु किया जाता हैं और सफलता भी मिलती हैं। यही स्थान आज दक्षिण भारत में रामेश्वरम् के रुप में जाना जाता हैं, तथा नल नील द्वारा निर्मित पुल रामसेतु के रुप में जाना जाता हैं। श्री राम के द्वारा अंगद को दूत बनाकर रावण के दरबार में भेजा जाता हैं। जहां वह रावण के समक्ष संदेश प्रस्तुत करते हैं, लेकिन वह रावण को समझाने में असफल रहता हैं। सारे दरबारी तथा रावण पुत्र इन्द्रजीत भी अंगद के पांव को हिलाने में असमर्थ रहता हैं। तब रावण कहता हैं कि उसे अपना परिणाम पता हैं लेकिन वह युद्ध अवश्य करेगा।
इस मौके पर समिति के संस्थापक एवं संरक्षक जितेन्द्र यादव तथा नरेश सिंघल, मुख्य संयोजक राकेश मिश्रा, अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता, महामंत्री दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष आर के शर्मा, मेला प्रबंधक एस एन अग्रवाल, स्वागताध्यक्ष योगेश गोयल, मुख्य सलाहकार अनिल कुमार क्वालिटी स्टील वाले, राजीव मोहन गुप्ता, आर एन पाण्डेय, ब्रजमोहन सिंघल, राधेश्याम सिंघल, सुभाष शर्मा, आलोक मित्तल, अमरीश त्यागी, राजीव त्यागी, जी.पी. अग्रवाल, सुन्दर लाल यादव, मुकेश मित्तल, विनोद गोयल, राजीव गुप्ता, प्रचार मंत्री सौरभ गर्ग, दिनेश शर्मा, मोतीलाल गर्ग, देवेन्द्र गर्ग, मनीष वशिष्ठ, मदन लाल हरित, डीके गोयल, दीपक सिंघल, गोल्डी सहगल, ओमप्रकाश पोपली भोला, विजय लुम्बा, पंकज भारद्वाज, डॉ आरके पोद्दार, डॉ मधु पोद्दार, श्रीमती उषा गुप्ता, श्रीमती मंजू त्यागी, रेशमा मित्तल,श्रीमती प्रीति मित्तल सहित राजनगर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।