◼️विजयनगर बाईपास पर शहर विधायक संजीव शर्मा ने यात्रा का स्वागत किया
◼️गाजियाबाद की साध-संग को दशम पातशाह साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के घोड़े के वंशज पावन घोड़ा के दर्शन करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- साहिब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350 साला शहीदी शताब्दी को समर्पित महान यात्रा का गुरूवार को गाजियाबाद में भव्य स्वागत हुआ। गाजियाबाद की संगत को यात्रा में दशम पातशाह साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के घोड़े के वंशज घोड़े के दर्शन करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।
यात्रा का विजयनगर बाईपास पर श्री गुरू नानक सिमरन सभा भूड भारत नगर के प्रधान सरदार जोगेंद्र सिंह, क्रॉसिंग रिपब्लिक गुरूद्वारा के प्रधान सुरेंद्र सिंह व दशमेश दरबार गुरूद्वारा प्रताप विहार के सरदार जुझार सिह के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया गया।
यात्रा के स्वागत की सारी तैयारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्यक्ष सरदार बलप्रीत सिंह व श्री गुरू नानक सिमरन सभा भूड भारत नगर के सरदार कुलदीप सिंह ने संभाल रखी थी। श्री गुरू नानक सिमरन सभा भूड भारत नगर के प्रधान सरदार जोगेंद्र सिंह, क्रॉसिंग रिपब्लिक गुरूद्वारा के प्रधान सुरेंद्र सिंह व दशमेश दरबार गुरूद्वारा प्रताप विहार के सरदार जुझार सिह ने दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना व शहर विधायक संजीव शर्मा का स्वागत किया।
उन्हें स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। विधायक संजीव शर्मा ने गुरू साहिब के दर्शन कर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्यक्ष सरदार बलप्रीत सिंह, भूड भारत नगर गुरूद्वारा के प्रधान सरदार जोगेंद्र सिंह ने यात्रा का स्वागत किया और विधायक संजीव शर्मा व अन्य अतिथियों को समृति चिंह देकर सम्मानित किया।
सरदार बलप्रीत सिंह ने बताया कि असम से शुरू हुई यह यात्रा गुरूवार को विजयनगर बाईपास पहुंची तो स्वागत के लिए गाजियाबाद की संगत उमड पडी। यहां से यात्रा गांधीनगर पहुंची, जहां समस्त साध संगत ने यात्रा का स्वागत कर गुरू साहिब जी का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बनाया।
दर्शनार्थियों को इस यात्रा के साथ आ रहे दशम पातशाह साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के घोड़े के वंशज पावन घोड़ा के दर्शन करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ। गुरू साहिब जी के दर्शन मात्र एक दर्शन नहीं, बल्कि गुरु-भक्ति के साक्षात स्वरूप के दीदार का मौका था। गाजियाबाद की समस्त साध संगत पावन स्वरूपों के दर्शन कर गुरु साहिब की अपरंपार बख्शीश का भागी बनी।