◼️अर्हम स्वाध्याय शिविर में आने से जीवन का कायाकल्प हो जाता हैः प्रद्युम्न जैन
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- श्री वीर दिगम्बर जैन समिति संजयनगर द्वारा आयोजित पांच दिवसीय अर्हम स्वाध्याय शिविर का आज समापन हो गया। शिविर में शहर भर से बच्चों, युवाओं व बडों ने भाग लिया और अपने जीवन को धर्ममय बनाया। शिविर में अर्हम ध्यान योग प्रणेता मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज द्वारा प्रशिक्षित गुरूकुल विद्वानों ने अर्हम ध्यान योग व अर्हम धर्म का प्रशिक्षण दिया। शिविर में प्रातः श्री जी की पूजा व अभिषेक का आयोजन हुआ, जिसके बाद बच्चों की पाठशाला लगी। सांयकाल अर्हम ध्यान योग का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही नई छह ढाला मेरी भावना व मुनि श्री द्वारा स्वरचित वर्धमान स्रोत के 64 श्लोकों की आरती का आयोजन हुआ।
मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष एवं अर्हं ध्यान योग के सक्रिय अन्तरप्पा प्रद्युम्न जैन ने बताया कि वर्तमान की भागदौड व मानसिक उलझनों वाली जिंदगी में सरल, शांत व आत्मिक अनुभव की आवश्यकता पहले से भी अधिक है। भागदौड भरी इस जिंदगी में तनाव मुक्त सरल, शांति व आनंदमय अनुभव की प्राप्ति कराने के लिए ही अर्हम ध्यान योग प्रणेता मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज ने अर्हम ध्यान योग व अर्हम स्वाध्याय शिविरों की श्रृखला की शुरूआत की जिससे देश-विदेश के अनेकों लोगों के जीवन का ही कायाकल्प हो गया है और आज वे तनामुक्त सरल, शांत व आनंदमय जीवन जी रहे हैं। संजय नगर के लोगों के अनुरोध पर ही श्री वीर दिगम्बर जैन समिति संजयनगर ने श्री महावीराय युवा मंडल संजय नगर, श्री चंद्रप्रभ महिला मंडल संजय नगर व श्री दिगंबर जैन महिला महासमिति के सहयोग से पांच दिवसीय अर्हम स्वाध्याय शिविर का आयोजिन किया जिसका आज समापन हुआ।
शिविर में शिविर में गुरूकुल विद्वान पुनीत जैन व स्वस्तिक जैन ने बच्चों, महिलाओं एवं पुरुषों को सुशिक्षित किया। शिविर के अंतिम दिन पुनीत शास्त्री, स्वस्तिक को सम्मानित किया गया पाठशाला के आरव, स्पर्श, किरत, सारांश, यथार्थ, दर्श वंशिका आदि बच्चों को पुरुस्कृत किया गया। पाठशाला के संचालन में श्रुति जैन का विशेष सहयोग रहा। शिविर में मंदिर समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार जैन, मंत्री हरीश जैन आदि ने विशेष सहयोग दिया।