◼️कार्यशाला में अर्हं श्री ने पंच मुद्राओं व पंच केंद्र ध्यान का अभ्यास कराकर स्वस्थ रहने के टिप्स दिए
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- दिल्ली की ऐतिहासिक कुतुब मीनार के परिसर में अर्हं ध्यान योग की विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। महावीर जयंती के उपलक्ष्य में कार्यशाला में बडी संख्या में लोगों नंे भाग लिया और अर्हं ध्यान योग के अभ्यास से मानसिक व शारीरिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ रहने के टिप्स लिए। कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सहयोग से हुआ। अर्हं ध्यान योग के अन्तरप्पा प्रशिक्षक प्रद्युम्न जैन ने बताया कि संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर महाराज के शिष्य अर्हं ध्यान योग के प्रणेता प्रणम्य सागर महाराज के सानिघ्य में हुई कार्यशाला का शुभारंभ अर्हं नमः के मंगल नाद और मंगला चरण से हुआ। इसके बाद योगासन कराए गए और गुरूवर ने पंच मुद्राओं का अभ्यास करायां।
पंच मुद्राओं के अभ्यास से लम्बाई बढ़ना, आँखों की दृष्टि बढना, रीढ़ की हड्डी मजबूत होना, जठराग्नि उद्दीपन, श्वांस का ठीक से आना, तनाव व अवसाद का दूर होना जैसे लाभ की जानकारी भी दी गई। अर्हं श्री ने पंच केंद्र ध्यान का अभ्यास कराते हुए बताया कि हमारे शरीर में पाँच महत्वपूर्ण केंद्र शक्ति केंद्र, आनंद केंद्र, विशुद्धि केंद्र, ज्ञान केंद्र व सिद्धि केंद्र होते हैं। इन केन्द्रों पर ध्यान केंद्रित उन्होंने आज की तेज़ भागती ज़िंदगी में खुश रहने का मंत्र दिया और ध्यान में उसका अभ्यास भी कराया। अर्हं ध्यान योग के अध्यक्ष नयन जैन ने बताया कि इससे पहले भी अर्हं ध्यान योग कार्यशाला का आयोजन लाल किला, ताजमहल, खजुराहो, झाँसी जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर कराया जा चुका है, जिनमें हजारों की संख्या में लोगों ने ध्यान योग की शक्ति का अनुभव किया।
कार्यशाला में महरौली के पार्षद गजेंद्र सिंह यादव, व आईएएस राहुल जैन अतिथि के रूप में शामिल हुए। जबलपुर से आई अंकिता जैन ने अपने अनुभव साझा करते हुएए कहा कि इतिहास और प्रकृति की गो द में अर्हं ध्यान योग करके स्थिरता और भीतर की शांति का अनुभव हुआ। मन को सच्चे आनंद का अनुभव मिला।