गाज़ियाबाद: बसपा जिलाध्यक्ष बने नरेंद्र मोहित, दयाराम सैन हटाए गए





रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- सदर विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में बसपा उम्मीदवार पीएन गर्ग की जमानत जब्त होने की गाज जिलाध्यक्ष दयाराम सेन पर गिरी है। बसपा ने उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया है। उनकी जगह नरेंद्र मोहित को जिला संगठन की कमान सौंपी गई है।

यह पहला मौका नहीं है जब चुनाव के बाद बसपा के संगठन में फेरबदल किया गया हो। इससे पहले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद भी इसी तरह पदाधिकारियों पर गाज गिरी थी। 2012 के बाद गाजियाबाद में बसपा हर चुनाव में मात खा रही है।

2022 के विधानसभा चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव और हाल में हुए विधानसभा उप चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की जमानत भी नहीं बच पाई। चुनाव नतीजा आते ही माना जा रहा था कि किसी न किसी पर इस हार की गाज जरूर गिरेगी। मंगलवार की शाम संगठन की ओर से इसका पत्र जारी कर दिया गया।


मंडल के सभी जिलाध्यक्ष बदले
बसपा नेतृत्व ने मेरठ मंडल के सभी जिलाध्यक्षों को बदल दिया। गाजियाबाद में नरेंद्र मोहित को जिलाध्यक्ष बनाया है। मेरठ में मोहित जाटव, बागपत में विक्रम भाटी, हापुड़ में एके कर्दम, बुलंदशहर में कमल राजन के साथ ही गौतमबुद्धनगर के जिलाध्यक्ष पद पर नरेश गौतम की नियुक्ति की गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही और भी पदाधिकारियों को बदला जा सकता है। इस चुनाव में बसपा को दलित वोटों का भी बहुत कम हिस्सा मिल पाया है।

चुनाव के दौरान तीन को निकाला था
विधानसभा उप चुनाव के दौरान भी बसपा में कई पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी। उस समय जिलाध्यक्ष रहे दयाराम सेन ने कार्रवाई के बारे में कहा था कि तीन पदाधिकारी केशव चौधरी, डाॅ. पवन गौतम और राजकुमार तोमर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए। राजकुमार ने पार्टी में रहते हुए सपा प्रत्याशी की मदद की और एजेंट का कार्ड बनवाकर दूसरे दल को फायदा पहुंचाने का काम किया है। तीनों लोगों को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया गया है। इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post