मनमोहन सिंह ऐसे नेता थे जिनका उनके विरोधी भी सम्मान करते थे: रामदुलार यादव




रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा मूर्धन्य विद्वान, बेजोड़ अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, सौम्यता, सादगी, सरलता की प्रतिमूर्ति डा0 मनमोहन सिंह पूर्व प्रधानमंत्री की याद में उनके व्यक्तित और कृतित्व को प्रचारित–प्रसारित करने के लिए संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष समाजवादी चिन्तक राम दुलार यादव शिक्षाविद के नेतृत्व में “भारत में आर्थिक विषमता और निदान“ गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया, गोष्ठी में शामिल सभी साथियों ने डा0 मनमोहन सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी, तथा उनके सम्मान में गगन-भेदी नारे लगा, भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उनके कार्यों की सराहना की।
       
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि डा0 मनमोहन सिंह कैम्ब्रिज और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनामिक्स और पंजाब विश्वविद्यालय में अध्यापन किया, वह देश के अनेकों सरकारी पदों पर अपनी सेवाए दी, विदेशों में भी देश का नाम अपनी लगन और ईमानदारी से रोशन किया, वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने ऐतिहासिक उदारीकरण की शुरुवात कर देश की आर्थिक दशा को नई दिशा दी, जिससे विदेशी निवेशकों ने भारत में निवेश किया, लाइसेंस राज्य की समाप्ति हुई, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रह जनहित में उन्होंने मनरेगा, शिक्षा और सूचना का अधिकार दिया, तथा आधार विशिष्ट पहचान परियोजना दिया, उन्हें एक दूरदर्शी नेता और एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्मरण किया जायेगा जिन्होंने आधुनिक भारत के आर्थिक परिदृश्य को आकार देने में अमूल्य योगदान दिया, उन्हें अनेकों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, वह ऐसे नेता थे जिनका उनके विरोधी भी सम्मान करते थे, तथा उनके सवालों का वह मुस्कराकर जबाब देते थे, एक बार विपक्ष की नेता उनसे सवाल किया कि “तू इधर, उधर की न बात कर, यह बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों पर गिला नहीं, तेरी रहवरी पर सवाल है” उन्होंने कहा “हजारों सवालों का जबाब है मेरी चुप्पी, हर सवालों की आबरू रखे” | डा0 मनमोहन सिंह जैसे महान पुरुष इस दुनिया से जाने के बाद भी ऐसी ज्योति छोड़ जाते है जो कई युगों तक जगमग रहती है।
          
श्री यादव ने कहा कि आज राजनीति की दिशा ऐसी बदली की संसद में विपक्ष के सवालों को येनकेन प्रकारणेन दबाया जा रहा है, या कार्यवाही से निकाल दिया जाता है, यह लोकतंत्र और संविधान की आत्मा को हताहत करने जैसा है, आर्थिक असमानता बढती जा रही है, वैश्विक रिपोर्ट 2026 देश की कुल संपत्ति का 40% पूंजी 1% लोगों के पास, 65% पूंजी 10% लोगों के पास, 70 करोड़ भारतीय 3% पूंजी पर गुजर-बसर कर रहे है, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में भयावह असमानता समावेशी समाज बनाने में बाधक है, देश में राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक असमानता संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का भी उलंघन है, डा0 मनमोहन सिंह की आर्थिक सोच से चलकर देश में मंहगाई, बेगारी, बेरोजगारी मिट सकती है, आम आदमी विकास की मुख्य धारा में आ सकता है नहीं तो 100 करोड़ लोग आवश्यक आवश्यकता को भी पूरा नहीं कर पाएंगे।
         
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल रहे, राम दुलार यादव, वीर सिंह सैन, उमेश यादव, राजपाल यादव, राजीव गर्ग, साहिल, संजय सिंह, प्रेम चन्द पटेल, अमन कुमार आजाद, हरिकृष्ण, अमर बहादुर आदि ने डा0 साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित किया।

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