◼️छात्र-छात्राओं के प्रति अटूट समर्पण ने अकेडमी को सबसे खास बनाया
रिपोर्ट :- अजय रावत
नोएडा :- नोएडा के दिल में स्थित, द नाइट्स म्यूज़िक एंड डांस एकेडमी, उन महत्वाकांक्षी संगीतकारों और डांसरों के लिए एक रोशनी की किरण बनकर उभरी है, जो सीखने का ऐसा माहौल चाहते हैं, जहां मेहनत, क्रिएटिविटी और दिल संगम हो। इस एकेडमी की स्थापना दो भाईयों दीप चटर्जी और जॉय चटर्जी ने कलाकारों के एक ऐसा समुदाय बनाने के मिशन को लेकर की है, जो वेस्टर्न क्लासिकल और कंटेम्पररी संगीत और नृत्य को एक्सप्लोर करें। ट्रिनिटी कॉलेज लंदन, एबीआरएसएम,, रॉक्सकूल, एलसीएमई और एमटीबी सहित लंदन स्थित प्रमुख परीक्षा बोर्डों से जुडी द नाइट्स म्यूज़िक एंड डांस एकेडमी विश्व स्तरीय बेंचमार्क प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन उपलब्ध कराती है।
यही कारण है कि कुछ ही समय में यह क्षेत्र के सबसे भरोसेमंद और तेजी से बढ़ते संस्थानों में शामिल हो गई है। एकेडमी को जो चीज़ यूनिक बनाती है, वह इसका अपने छात्र-छात्राओं के प्रति अटूट समर्पण है। उन्हें जल्दबाजी में गानों या कोरियोग्राफी के ज़रिए सिखाने की बजाय, मज़बूत बुनियादी कॉन्सेप्ट्स, तकनीक, संगीत की समझ और अभिव्यक्ति पर ज़ोर दिया जाता है। चाहे कोई छात्र पियानो, वोकल्स, ड्रम, गिटार सीख रहा हो, या हिप-हॉप, जैज़ और बॉलीवुड में स्पेशलाइज़ेशन वाले डांस विंग में ट्रेनिंग ले रहा हो, हर लेसन सोच-समझकर बनाया गया है।
यहां पाँच साल से कम उम्र के छोटे बच्चों से लेकर किशोरों, वयस्कों और कामकाजी प्रोफेशनल्स तक जो कला के प्रति अपने पैशन को फिर से खोज रहे हैं, उनके सपनों को पूरा किया जाता है। लक्ष्य सिर्फ परफॉर्मेंस नहीं है, बल्कि जीवन के हर स्टेज पर कलात्मक विकास है। यही कारण है कि माता-पिता और छात्र-छात्राएं भी एकेंडमी के प्रयासों की हर मंच पर सराहना कर रहे हैं। टेक्निकल विशेषज्ञता के साथ-साथ, नाइट्स पोषक माहौल भी उपलब्घ कराता है, जिसे माता-पिता व छात्र-छात्राएं युवा और जीवंत माहौल” वाला बताते हैं जिसमें “पॉजिटिव वाइब्स” होती हैं जो तुरंत किसी को भी स्वागत महसूस कराती हैं। स्टूडेंट्स अंदर आते ही मोटिवेटेड महसूस करते हैं।
इस कल्चर को बनाने में फैकल्टी का अहम रोल है। यहां टीचर को उनकी स्किल ही नहीं बल्कि उनके पैशन, सहानुभूति और मेंटर के तौर पर उनकी काबिलियत के लिए भी चुना जाता है। परफॉर्मेंस-बेस्ड लर्निंग नाइट्स के अप्रोच का एक और अहम हिस्सा है। स्टूडेंट्स शोकेस, रिसाइटल, वर्कशॉप, रिकॉर्डिंग सेशन और मिलकर किए जाने वाले प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेते हैं, जिससे उन्हें कॉन्फिडेंस, स्टेज प्रेजेंस और आर्टिस्टिक पहचान बनाने में मदद मिलती है। ये रियल-वर्ल्ड अनुभव स्टूडेंट्स को क्लासरूम ट्रेनिंग से आगे बढ़कर एक्सप्रेसिव, कॉन्फिडेंट परफॉर्मर बनने के लिए तैयार करते हैं।