उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्रीनाथ धाम आज पूर्ण विधि विधान के साथ शीतकालीन हेतु हुए बंद, ‌चार धाम यात्रा का ‌ हुआ औपचारिक समापन




रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- उत्तराखंड के प्रसिद्ध ‌ तीर्थ स्थल बद्रीनाथ के कपाट आज‌ पूर्ण विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। कपाट बंद होने की प्रक्रिया पांच दिनों तक चली 'पंच पूजा' के बाद पूरी हुई, जिसमें वेद ऋचाओं का वाचन बंद कर दिया गया। बद्रीनाथ धाम के कपाट मंगलवार दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर शीतकालीन बंदी के लिए विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा का औपचारिक समापन भी हो गया। मंदिर परिसर को इस मौके पर विशेष रूप से सजाया गया और अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। परंपरा के अनुसार सर्दियों के छह महीनों तक बद्रीनाथ धाम में नियमित पूजा संभव नहीं होती, इसलिए भगवान बद्रीविशाल की गद्दी अब जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में स्थानांतरित कर दी गई है। 

अगले छह महीने भक्तों के दर्शन और पूजा-अर्चना वहीं होगी। शीतकाल में भारी बर्फबारी और प्रतिकूल मौसम को देखते हुए यह व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है। मंदिर को पुनः खोलने की तिथि हर साल अक्षय तृतीया के आसपास निर्धारित की जाती है, इसलिए कपाट अब अप्रैल-मई 2026 के बीच शुभ मुहूर्त में फिर से खोले जाएंगे। कपाट बंद होने से पहले पुजारियों ने परंपरागत पूजा, आह्वान और शीतकालीन कीर्तन का आयोजन किया, जिसके बाद धाम के द्वार अगले मौसम तक के लिए सुरक्षित रूप से सील कर दिए गए। लगभग छह महीने बाद, 2026 की अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई के पहले सप्ताह में कपाट फिर से खुलेंगे।

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