रिपोर्ट :- विकास शर्मा
हरिद्वार :- रेलवे प्रशासन द्वारा जारी तत्काल टिकट सुविधा का लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है। रेलवे द्वारा जारी तत्काल टिकट सुविधा तंत्र दलालों तक सीमित रह गई है।रेलवे की तत्काल सुविधा में श्रद्धालु तथा तीर्थ यात्रियों को घंटों लाइन में लगने के बावजूद भी टिकट उपलब्ध नहीं हो पता है। कारण यह है कि रेलवे के दलालों का नेटवर्क इतना सशक्त है कि रेलवे की साइट रेलवे अधिकारियों की मिली भगत से तत्काल टिकट सेवा शुरू होने के 10 से 15 मिनट तक हैक हो जाती है। जिसमें रेलवे के चहेते दलालों को इस तत्काल सुविधा का पूरा लाभ उठाने का मौका मिल जाता है और आम जनता को तत्काल टिकट लेने के नाम पर निराशा ही हाथ लगती है। रेलवे के इन दलालों का नेटवर्क इतना सशक्त है कि आम जनता को तत्काल टिकट घंटों लाइन में रहने के बावजूद भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। लेकिन मोटी रकम खर्च करने पर इन दलालों के माध्यम से टिकट उपलब्ध हो जाता है।
रेलवे प्रशासन के आम जनता को अधिक से अधिक सहूलियत देने के प्रयास यहां सफल होते दिखाई नहीं देते हैं। जहां एक और केंद्र कि मोदी सरकार वरिष्ठ नागरिकों तथा परिवहन सुविधाओं को आम जनता के लिए सुलभ कराने के लिए भरसक प्रयासरत है। वहीं रेलवे में तत्काल टिकट आदि सुविधाओं की कालाबाजारी रोकने हेतु कोई भी कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। आज भी दलालों का रेलवे का नेटवर्क यथावत चल रहा है। मुंबई की एक यात्री आशिमा शर्मा का कहना है की रिजर्वेशन की सुबह से ही घंटे लाइन में लगने के बावजूद भी वह तत्काल टिकट लेने में असमर्थ रही। क्योंकि 10:00 बजे से शुरू होने वाली तत्काल सेवा की साइट 10 से 15 मिनट के लिए हैक हो गई थी। जिसके कारण तत्काल की सारी टिकट खत्म हो गई।
ऐसी अवस्था में रेलवे की तत्काल सेवा से निराशा ही हाथ लगी है। आम जनता का रेलवे की तत्काल सेवा से विश्वास ही उठ गया है। तीर्थ स्थान पर तत्काल सेवा का और भी बुरा हाल है। ऐसे में श्रद्धालुओं तथा तीर्थ यात्रियों को निराशा ही हाथ लगती है। तीर्थ यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र ही इस तत्काल टिकट सेवा हेतु रेलवे प्रशासन तथा राज्य सरकार और केंद्र सरकार त्वरित कार्रवाई करें। अन्यथा रेलवे द्वारा आम जनता को दी जाने वाली यह तत्काल टिकट सुविधा से आम जनता का इस सेवा से विश्वास उठ जाएगा।