हरिद्वार में चैत्र नवरात्रि अवसर पर माता के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की ‌‌ विधिवत पूजा कर लिया मां का आशीर्वाद





रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- तीर्थ नगरी हरिद्वार में माता के मंदिरों में आज चैत्र नवरात्रि अवसर पर माता दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंद माता की पूजा अर्चना की।    

मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि की पंचमी तिथि पर की जाती है। स्कंदमाता की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने व व्रत करने से जातक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान कार्तिकेय की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस स्वरूप को स्कंदमाता का नाम मिला। नवरात्रि की पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा का विधान है।                                            
पौराणिक मान्यता है कि यह मां अपने भक्तों पर स्नेह लुटाती हैं। मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियों दूर होती हैं और कार्यों की विघ्न-बाधा भी खत्म होती है। मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि की पंचमी तिथि पर की जाती है। स्कंदमाता की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने व व्रत करने से जातक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान कार्तिकेय की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस स्वूप को स्कंदमाता का नाम मिला। जानें मां स्कंदमाता की पूजा विधि, भोग, मंत्र व आरती। आपको बता दें कि इस साल चैत्र नवरात्रि पर तृतीया तिथि का क्षय होने से नवरात्रि 8 दिन के हैं।

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