दिल्ली के अहिंसा स्थल पर 24 वर्षों बाद हुआ भव्य महामस्तकाभिषेक


◼️5 दिवसीय महावीर जन्मकल्याणक महामहोत्सव में गाजियाबाद के श्रद्धालु भी शामिल हुए



रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- दिल्ली का ऐतिहासिक अहिंसा स्थल महरौली उस समय एक अलौकिक और ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब 24 वर्षों के अंतराल के बाद भगवान महावीर स्वामी की 13 फुट ऊँची दिव्य प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक मंत्रों, स्तोत्रों और आस्था की गूंज के साथ  हुआ। इसी के साथ 5 दिवसीय महावीर जन्मकल्याणक महामहोत्सव का शुभारंभ भी हो गया। महामहोत्सव का आयोजन संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के परम शिष्य अर्हं ध्यान योग प्रणेता अर्हं  मुनि 108 प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में हो रहा है। 

राज्यसभा सदस्य वीरेन्द्र हेगड़े ने प्रथम अभिषेक कर महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया। 2000 से अधिक श्रद्धालुओं ने महामस्तकाभिषेक में भाग लिया। महोत्सव के प्रथम दिन प्रातः श्री वर्धमान स्तोत्र विधान हुआ। संध्या समय दिल्ली और जयपुर सहित 100 से अधिक मंदिरों में एक साथ श्री वर्धमान स्तोत्र दीपार्चना हुई। दूसरे दिन 24 से अधिक मंदिरों में एक साथ सामूहिक दीपार्चना की गई। अहिंसा स्थल पर विराजित दिव्य प्रतिमा दक्षिण भारत की उत्तर भारत को अद्वितीय देन है। इसे कर्नाटक राज्य के कारकल शहर के प्रसिद्ध शिल्पी शामराया आचार्य द्वारा ग्रेनाइट पाषाण की अखण्ड शिला से पांच वर्षों के परिश्रम द्वारा निर्मित किया गया। 

इसकी ऐतिहासिकता देखते हुए अपने उद्बोधन में अर्हं श्री ने अहिंसा स्थल को तीर्थ क्षेत्र के रूप में घोषित किया। इस 5 दिवसीय दिव्य आयोजन में देश भर से हजारों श्रद्धालु सहभागी बनेंगे। महोत्सव में वित्त मंत्रालय में कार्यरत राजेश जैन व रेलवे मंत्रालय में कार्यरत रवि जैन, गाजियाबाद से अर्हं ध्यान योग के अध्यक्ष नयन जैन, प्रद्युम्न जैन, अनंत जैन, डॉ मधु जैन, जागृति जैन, संगीता जैन, इंदु जैन आदि भी मौजूद रहे।

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