◼️दूसरे दिवस के प्रातःकालीन सत्र समर्पित रहा ध्यान साधना को
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- मन ही मन अपने प्रभु का नाम स्मरण करें, हृदय में खुशी अनुभव करते हुए प्यारे प्रभु का नाम जपें। उनकी ओर देखते हुए करुणा भरी आँखों से दर्शन करें और उनकी असीम कृपा को अनुभव करें।
मन में भाव जगाकर कहें कि तू ही है मेरे जीवन को तारने वाला। आपको बारंबार प्रणाम करता हूं, सबका मंगल हो। पूज्य महाराजश्री ने कहा कि मौन में उतरना ही असली ध्यान है।