हनुमान जी का जन्म मनुष्यों की बुराइयों को सुधारने के लिए हुआ: अरविन्द भाई ओझा





रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाज़ियाबाद :- नेहनीड़ फाउंडेशन द्वारा संचालित अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षा सहायतार्थ सनातन धर्म मन्दिर गोल्फलिंक लेंडक्राफ्ट में चल रही हनुमत कथा में आज हनुमान जी के जन्म का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। अंजनी माँ के हुयो लाल भजन पर झूम झूम कर भक्तों के द्वारा जन्म की बधाईयाँ गाई।

कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने हनुमत कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हनुमान जी भगवान शिव के अंश है इसलिए उनके जीवन में हमे शिव के समान सरलता , सहजता व सजगता ( क्रोध ) तीनो दिखाई देते है | शिव के अवतारी श्रीहनुमान जी गुरु की भूमिका में इसलिए हनुमान जी का जन्म मनुष्यों की बुराइयों को सुधारने के लिए हुआ हैं गुरु का कर्तव्य है कि वह अपने शिष्य को कुमार्ग पर चलने से बचाये इसी लिए हनुमानजी  रावण के दरबार में रावण को समझाने का हर सम्भव प्रयास करते हैं पर विनाशकाले विपरीत बुद्धि होती है ।     
        
हनुमानजी संसार में जन्म लेकर राम जी के द्वार पर बैठकर मनुष्यों की बुराइयों को सुधारते हैं और भगवान श्री राम का जन्म लेकर संसार के मनुष्यों को भवसागर से तारने का काम करते है इसलिए हनुमान जी सुधारते है और श्री राम तारते है। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम अपनी जननी जन्मभूमि  और अपने धाम के लोगो को बहुत प्यार करते है और हमें संदेश देते है कि हमें भी अपने गाँव को तीर्थ समझना चाहिए। कथा व्यास ने सोसायटी के लोगों का आव्हान करते हुए कहा कि हमारा गांव हमारा तीर्थ है इसलिए हमें अपने गांव के उत्थान के लिए कुछ न कुछ करना चाहिए।
      
उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में भक्ति प्राप्त करना चाहते है तो हमे अपनी बुद्धि,बल,पद व परिवार के झूठे अभिमान को त्याग कर भगवान की शरण में आना चाहिए क्योंकि जहाँ जहाँ अभिमान होता है वहाँ भगवान नहीं आते। हनुमान जी अभिमान को त्यागकर भगवान और भक्त दोनों की सेवा करते है इसलिए भगवान श्री राम हनुमान जी को लछमन जी से दोगुना प्यार करते है। हनुमान जी ने जीवन में सेवा व तप करते हुए भगवन श्री राम के नाम का निरंतर जाप कर उन्हें अपने वश में कर लिया और वे प्रभु श्रीराम के चरणों की सेवा करते-करते महाप्रभु हो गये।
     
कथा व्यास ने कहा कि जो अनन्य भाव से जीवन जीता है भगवान उसे अभय करते है इसी अभयता से ही व्यक्ति अपने प्राणों की चिंता छोड़ कर देश, धर्म, संस्कृति समाज के लिए सर्वस्व बलिदान करने को तैयार होता है। हनुमानजी का सिंदूरी रंग हमें त्याग, समर्पण और बलिदान की प्रेरणा देता है। कथा में नेहनीड़ के बच्चों ने भजन के साथ योग का प्रदर्शन कर सभी का मन मोह लिया। आज कथा में आज के यजमान अरविन्द सोलंकी एवं प्रदीप राघव रहे। पंडित गणेश रतूड़ी ने कथा का पूजन करवाया व अन्य लोगों में विजय गोयल, रजनीश,मनोज ,सत्येंद्र चौधरी,भावना बिष्ट,रजनी परासर, मीना जोशी,सीमा कुलश्रेष्ठ, पुष्पा मिश्रा, मीनाक्षी कौशिकप्रीति अग्रवाल,ज्योति और रेखा,आशियाना से रहे।

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