शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 118वीं जयंती बड़ी धूम-धाम से मनायी गई




रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- सुभाष युवा मोर्चा द्वारा सुभाषिनी ऑफसेट, एफ 10 जगदीश नगर, गाजियाबाद पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 118वी जयंती बड़ी धूम-धाम से मनाई गयी।
   
शहीद-ऐ-आजम भगत सिंह के जन्मदिवस समारोह का शुभारम्भ सुभाष युवा मोर्चा के संस्थापक एवं राष्ट्रीय संयोजक सतेन्द्र यादव द्वारा शहीद भगतसिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शहीदे-ए-आजम का जन्म 27-28 सितम्बर की मध्य रात्रि में 1907 में लायलपुर जिले के बंगा गांव में जो अब पाकिस्तान में है, मे हुआ था। इस कारण बहुत से लोग इनका जन्मदिन 27 सितंबर को भी मनाते है। 

जबकि भगत सिंह का परिवार इनका जन्मदिन 28 सितम्बर को मनाता है। भगत सिंह का पूरा परिवार क्रान्तिकारी था। उन्होंने जेल में विश्व की सबसे लंबी भूख हड़ताल की। भगतसिंह की फाँसी को रोकने के लिए पूरी दुनिया के लोगों ने कोशिश की, ब्रिटिश सांसदो तक ने फाँसी रोकने की कोशिश की। लाखों लोगों ने इस बारे में पत्र लिखा जिसमे से कुछ पत्र खून से लिखे गये थे। भारत में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस व मौहम्मद अली जिन्ना ने पुरजोर कोशिश की लेकिन अंग्रेजों ने किसी की न मानी। महज 23 साल 5 महीने 25 दिन की आयु में 23 मार्च 1931 की शाम 7:33  पर उन्हें फाँसी दे दी गई। 

शहीद-ए -आजम के जन्मदिवस के अवसर पर सुभाष युवा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य गोपाल सिंह ने कहा खुद में देशभक्ति के जज्बे को भरने के लिए शहीद भगत सिंह का नाम ही काफी है उनमें देश के प्रति इतना प्रेम था कि वह हँसते-हँसते फांसी के फंदे पर झूल गये। समाज में फैली शोषण व अमीरी गरीबी की खाई को भगत सिंह के रास्ते पर चलकर ही मिटाया जा सकता है। इस अवसर पर मनोज शर्मा "होदिया" ने कहा कि स्कूली शिक्षा से ही वह भारत की आजादी के सपने देखने लगे और गांधी जी के असहयोग आन्दोलन में भाग लिया। जब माता-पिता ने शादी करनी चाही तो घर से भाग गये और अपने पीछे एक खत छोड़ गये उसमें उन्होंने लिखा की उन्होंने अपना जीवन देश को आजाद कराने के लिए समर्पित कर दिया है। लाहौर षडयंत्र केस में राजगुरू, सुखदेव के साथ भगत सिंह को भी फांसी की सजा सुनायी गयी।

शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस समारोह में में मुख्य रूप से सुनील दत्त, दीपक वर्मा, अनिल सिन्हा, कैप्टन गोपाल सिंह,विनोद अकेला, कमल यादव, रामकुमार शर्मा, राजीव रैना , राजेंद्र गौतम, के पी सिंह यादव, अनिल मिश्रा,भरत आर्य, तेजस्व भारद्वाज , मानव सिंह होदिया, गोपाल, योगेंद्र राय, सुरेश यादव, राजेंद्र सिंह कसाना, राजीव गौतम,  राजेंद्र यादव राजेश यादव, वीरेंद्र प्रताप यादव, अजय श्रीवास्तव ,तेजेंद्र कुमार वर्मा, मुनेश कुमार, विकास पांडे, विनय कुमार गुप्ता ,संजय श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र पांडे, दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव, शुभम मिश्रा, अजय कुमार बिट्टा, हर्षित, दीपक शर्मा, अखिल अहमद,  सुभाष गिरी शुक्ला, इंद्रपाल सिंह यादव, अक्षत पुंडीर, लालबाबू झा, मुकेश सिंह पुंडीर, योगेंद्र सिंह, ओमप्रकाश कोरी, धर्मेंद्र सिंह, लक्ष्मण, राम गणेश सिंह, संजय कुमार, काशी सिंह यादव, शिवम, राजपाल शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, पवन कुमार, दीपक कुमार रिंकू, अक्षय, रोहित आदि सम्मिलित रहे और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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