◼️धरना प्रदर्शन से पूर्व गाजियाबाद नगर निगम को अंतिम चेतावनी
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- कोरवा यू पी के शीर्ष पदाधिकारियों द्वारा 300% बढ़ाए गए टैक्स के विरोध में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। कोरवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा कोरवा- उत्तरप्रदेश के मुख्य संरक्षक वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने बताया की इलाहाबाद उच्च न्यायालय में गाजियाबाद नगर निगम के वकीलों द्वारा पहली 2 सुनवाई में नदारत रहना और फिर अदालत की अगली 2 सुनवाई में हलफनामा दाखिल करने के नाम पर केवल तारीख पर तारीख इनकी गलत मंशा को उजागर करता है। जिसके कारण न्यायालय द्वारा सुनवाई 30 अक्टूबर को करने की तारीख लगा दी गई। अब सवाल उठते हैं की :
1. नगर निगम के वकील पहली सुनवाइयों में हाजिर क्यों नहीं हुए थे ?
2. क्या नगर निगम गाजियाबाद जानबुझ कर मामले को लंबा खींच रहा है ताकि 20 परसेंट छूट और डर में आकर आम नागरिक गृहकर जमा कर दें ?
3. नागरिकों के घावों पर नमक तक लगा जब नगर आयुक्त ने कुछ अखबार वालों को ये बात दिया की सुनवाई को आगे बढ़ाने का समय याचिकाओं के वकीलों ने मांगा था, नगर निगम के वकीलों ने नहीं ।
ये सीधे सीधे नगर निगम का झूँठ और अड़ियल रवैया है।
कोरवा यू पी के अध्यक्ष डॉक्टर पवन कौशिक ने कहा की नगर आयुक्त कहते हैं की नई सुविधाओं के निर्माण के लिए पैसा चाहिए । सवाल यह है की नगर निगम का काम रख रखाव का है, निर्माण का नहीं । नगर निगम को कूड़ा निस्तारण,-सीवर सफाई और स्ट्रीट लाइट आदि पर ध्यान देना चाहिए । आज इनके लापरवाह रवैये की वजह से ही तो गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जिसका प्रतिकूल असर गाजियाबाद की 75 लाख आबादी पर पड़ रहा है।
कोरवा यू पी के मुख्य सलाहकार डा आर के आर्य ने बताया की जब महापौर श्रीमती सुनीता दयाल ने गृह कर वृद्धि को नगर निगम सदन में निरस्त कर दिया है तो फिर स्पष्ट आदेश क्यों पारित नहीं किए जा रहे है। यह सदन के साथ साथ जनादेश की भी अवमानना है।
कोरवा यूपी के महासचिव जय दीक्षित ने बताया की अगर गाजियाबाद नगर निगम को अपनी आय ही बढ़ाना है तो शहर की सभी 100 वार्डों में लगभग 30% संपत्ति ऐसी है, जिनपर आजतक नगर निगम द्वारा टैक्स अधिरोपित नही है, लगभग 30% ही संपत्तियां ऐसी है जिनपर गृहकर आवासीय अधिरोपित है, लेकिन उसमें व्यावसायिक गतिविधि चल रही है। आप ऐसी संपत्तियों से टैक्स वसूली करके आय बढ़ाइए न की बचे 40% निवासी अगर ईमानदारी से अपना टैक्स जमा कर रहें है तो उनपर 300% टैक्स जबरदस्ती बढ़ाना कही से भी न्यायोचित नही है।
श्रीमति अंजु शर्मा , सीमा कुशवाह , संध्या त्यागी , रेखा सिंह एवं अन्य महिलाओ ने गाजियाबाद के सम्मानित निवासियों, आरडब्ल्यूए, एओए, व्यपार मंडल तथा एसोसिएशन और अन्य सभी सामाजिक संगठनों से आग्रह किया कि नगर निगम द्वारा लगातार भेजे जा रहे बढ़ाए गए 300% गृहकर डिमांड को हाईकोर्ट का फैसला आने तक बिल्कुल जमा नही करें, एक है तो सेफ है।
कोरवा यूपी के पी के शर्मा , गुरमेल सिंह सिद्धू , सी सी बाबू ने बताया कि 30 जून की सदन की बैठक की मिनिट्स में साफ साफ अंकित है की " उच्च न्यायालय ने सदन की बैठक आहूत करने पर कोई स्टे नहीं लगाया है और यदि सदन गृहकर की नई दरों को निरस्त करता है तो उच्च न्यायालय में चल रहा विवाद स्वत: ही समाप्त हो जाएगा"।
गौरव सेनानी ज्ञान सिंह ने कहा की क्या हमारे जन प्रतिनिधि झूठ बोलते है ? उत्तर प्रदेश के केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने आल इंडिया मेयर एंड आर डब्लू ए सम्मिट मे 6 जून 2025 मे कहा था की गृह कर मे एक पैसा भी नहीं बढ्ने दूंगा। महापौर श्रीमति सुनीता दयाल ने सदन मे लिख के दिया है की बड़े हुये गृह कर को निरस्त किया जाता है। क्या ये सीधे सीधे झूठ नहीं है |
इस अवसर पर श्रीमति नमिता भल्ला,मंजु घई,भूबनेश्वर पांडे,गौरव सेनानी चन्दन सिंह , गणेश दत्त , उषा राणा , उषा आनंद , मीना शुक्ला , नीले सिंह तेवतिया,राजबीर प्रधान , मोनिका गोयल , ओम पाल सिंह ,लेफ्टिनेंट वेद प्रकाश शर्मा,डी के शर्मा , सुदामा पाल , धर्मेन्द्र कुमार अन्य उपस्थित सदस्यो ने एक स्वर में कहा कि यदि गृहकर जमा करने की अवधि 20% छूट के साथ उच्च न्यायालय का निर्णय आने तक बढ़ा दी जाती है और महापौर के आदेश पर औपचारिक सहमति पत्र जारी कर दिया जाता है तो हम संतुष्ट होंगे अन्यथा नगर निगम को अंतिम चेतावनी है की 24 अक्टूबर को 11 बजे गाजियाबाद के निवासियों, आरडब्ल्यूए, एओए, व्यापार मंडल एवं अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा इसके विरोध में नगर निगम पर शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन किया जाएगा।