रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद। पंडित शिवकुमार शर्मा के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। अहोई अष्टमी महिलाएं अपने पुत्र संतान की दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। इस वर्ष 13 अक्टूबर को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा।
13 अक्टूबर को सप्तमी दोपहर 12: 24 बजे तक है। उसके बाद अष्टमी तिथि आ जाएगी। इसलिए अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर दिन सोमवार को ही रखा जाएगा।
कहते हैं कि इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। ऐसी मान्यता कि अहोई अष्टमी को महिला को अपने हाथ से फल सब्जी आदि नहीं काटनी चाहिए। इस दिन फल, सब्जी आदि काटने से संतान पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इसलिए सब्जियों को उबालकर बनाई जाती हैं अथवा ऐसी सब्जियां बनाती हैं जिनमें चाकू आदि न चलाना पड़ें। व्रत के समापन अथवा पारायण का भी अलग-अलग विधान है।
कुछ महिलाएं तो शाम को प्रदोष काल में तारे का दर्शन करके व्रत का पारायण कर देती हैं और कुछ महिलाएं रात्रि को चंद्र उदय होने पर ही अपना व्रत समापन करती हैं। इस बार अहोई अष्टमी को चंद्रमा का उदय रात्रि 11:21 पर होगा। चंद्रमा को जल का अर्घ्य देकर ही व्रत समापन करती हैं। ऐसी मान्यता की इस दिन ब्रज क्षेत्र में श्री राधा कुंड में स्नान करने से संतानहीन दंपति को संतान प्राप्त हो जाता है।
पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य वास्तु कंसलटेंट ,गाजियाबाद