जीएसटीआर-1 में टेबल 12 और 13 अनिवार्य होने से छोटे कारोबारियों की बढ़ी परेशानी: अधिवक्ता अमन अग्रवाल





रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- जीएसटीआर-1 की टेबल 12 में सरकार द्वारा मई 2025 से बदलाव किए गए हैं जिसमें अब व्यापारियों को अपनी बिजनेस टू बिजनेस एवं बिजनेस टू कस्टमर को की गई विक्रय के लिए अलग अलग एचएसएन कोड दाखिल करने पड़ेंगे पहले जबकि बिजनेस टू कस्टमर के लिए अलग से एचएसएन कोड भरना अनिवार्य नहीं थी 
जीएसटीआर-1 फॉर्म भरने के लिए सरकार ने टेबल 13 फॉर्म को भी भरना अनिवार्य कर दिया है। नए नियम के कारण छोटे कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।

अधिवक्ता अमन कुमार अग्रवाल ने बताया है कि जीएसटी अधिनियम को अधिक पारदर्शी और डेटा-आधारित बनाने के लिए सरकार ने हाल ही में जीएसटीआर-1 फॉर्म में टेबल 13 को अनिवार्य कर दिया है। पहले यह फॉर्म वैकल्पिक होता था। इसमें व्यापारियों को मई 2025 के जीएसटीआर-1 से बिक्री, अपंजीकृत से खरीद, संशोधित बिल, डेबिट नोट, क्रेडिट नोट, प्राप्ति वाउचर, भुगतान वाउचर, रिफंड वाउचर, डिलीवरी चालान फार जॉब वर्क आदि सूचनाओं को भरना अनिवार्य कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि टेबल नंबर 13 को भरे बिना जीएसटीआर-1 फाइल नहीं होगा। इसमें पूछा गया है कि यह किस सीरियल नंबर से किस सीरियल नंबर तक जारी किया गया है।साथ ही कुल कितने इन्वाइस, वाउचर आदि जारी किए गए हैं। कितने इन्वाइस, वाउचर कैंसिल किए गए हैं। नेट कितने इन्वाइस, वाउचर जारी किए गए हैं।

अधिवक्ता अमन कुमार अग्रवाल ने बताया है कि इस नए आदेश ने छोटे व्यापारियों के लिए कई व्यावहारिक समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इस कारण नए आदेश का पालन करना मुश्किल हो जाएगा। भविष्य में व्यापारियों द्वारा आदेश का पालन पूरा नहीं होने पर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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